नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई स्थगित हो गई है. मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें जम्मू कश्मीर में हिरासत में रखे गए लोगों का पूरा ब्यौरा है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि रिपोर्ट देखने के बाद वह गुरुवार को केस की सुनवाई करेगा.
उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत हिरासत को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है और उन्हें रिहा करने की मांग की थी. सारा अब्दुल्ला ने अपनी याचिका में सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर सुरक्षा अधिनियम 1978 के खिलाफ याचिका लगाई है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि अब्दुल्ला को नज़रबंद रखना 'स्पष्ट रूप से गैरकानूनी' है. नजरबंदी के आदेश में बताई गई बातें पर्याप्त नहीं जो इस प्रकार के आदेश के लिए आवश्यक हैं. सारा ने इसके साथ ही 5 फरवरी के सरकारी PSA आदेश को रद्द करने की भी दरख्वास्त की है.
इसके साथ ही, सारा ने केंद्र सरकार पर लोगों के जीने का अधिकार छीनने का इल्जाम लगाया है. पायलट ने कहा कि प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए उमर को हिरासत में लिया था, ताकि संविधान के अनुच्छेद-370 को रद्द करने के खिलाफ विरोध को दबाया जा सके. शांति व्यवस्था बहाल रखने को लेकर उनसे किसी प्रकार के खतरे का सवाल ही नहीं उठता.
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