नईदिल्ली। लोकपाल की नियुक्ति किए जाने को लेकर काफी समय से मांगें की जाती रही हैं। केंद्र सरकार नियुक्ति को लेकर अपनी परेशानी बता रही है, सरकार का कहना है कि कुछ कंडीशन्स है जिसके कारण लोकपाल और सदस्य तय नहीं किए जा सकते हैं। तो दूसरी ओर न्यायालयों के माध्यम से लोकपाल की आवश्यकता को सामने लाया जा रहा है। ऐसे में एनजीओ काॅमन काॅज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मिली जानकारी के अनुसार एनजीओ काॅमन काॅज ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की जिस पर न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने सुनवाई की।
दरअसल सर्वोच्च न्यायालय ने लोकपाल को लेकर इसके अध्यक्ष और सदस्यों को लेकर अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया है। हालांकि केंद्र सरकार के पक्ष ने कहा कि इस मामले में सरकार द्वारा संभवतः मानसून सत्र तक कार्य किया जा सकेगा। लोकपाल के लिए लोकसभा में नेता विपक्ष का होना आवश्यक है। केंद्र सरकार की ओर से अटाॅर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बताया कि लोकपाल की नियुक्ति करना बेहद मुश्किल है।
क्योंकि अभी लोकसभा में बजट सत्र प्राथमिकता में है और हो सकता है कि मानसून सत्र में लोकपाल को लेकर चर्चा की जाए। दूसरी ओर लोकसभा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को नेता विपक्ष मानने से मना कर दिया है। ऐसे में नेता विपक्ष के अभाव में लोकपाल की नियुक्ति संभव नहीं है। हालांकि याचिकाकर्ता के वकील शांतिभूषण ने कहा कि लगता है कि मंत्रियों की जांच करने वाली संस्था के अस्तित्व को लेकर कोई प्रयास करना ही नहीं चाहता हो।