मच्छरों को मारना है तो जाऐं भगवान के पास!

मच्छरों को मारना है तो जाऐं भगवान के पास!
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नईदिल्ली। आपने लोकप्रिय हिंदी सिनेमा ओह माय गाॅड जरूर देखी होगी। इस फिल्म में न्यायालयीन कार्रवाई में भगवान का उल्लेख किया गया था। मगर अब तो हकीकत में ही भगवान का उल्लेख हो गया है, दरअसल एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए कहा कि, हम भगवान नहीं है। यह ऐसा काम है जो कि, केवल भगवान ही कर सकता है। दरअसल न्यायालय में देश में मच्छरों की बढ़ती भरमार और इसे समाप्त करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर धनेश लेशधन नामक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई की गई।

याचिका में अपील की गई थी कि न्यायालय, प्रशासन को मच्छरों को लेकर उचित कदम उठाने के लिए आदेश दे। मगर इस मामले में सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के जज ने कहा कि, कोई भी न्यायालय मच्छरों को समाप्त करने के लिए प्रशासन को आवश्यक निर्देश दे सकता है, ऐसा हम नहीं मानते हैं। यह नहीं हो सकता है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति गुप्ता की बेंच ने कहा कि प्रत्येक घर जाकर हम यह तय नहीं कर सकते कि, वहाॅं मच्छर है या नहीं या फिर यह नहीं कहा जा सकता कि, यहाॅं से मच्छर हटाए जाऐं।

हमें ऐसी बातें करने के लिए न कहा जाए जो केवल भगवान ही कर सकता है। हम भगवान नहीं हैं। यह काम केवल भगवान कर सकता है। गौरतलब है कि विश्व में 7,25,000 लोगों की मौत मच्छर के काटने के बाद होने वाली बीमारियों से जुड़ी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमानित मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए कई वैज्ञानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ दशकों से संघर्ष कर रहे हैं। मगर इसमें सफलता नहीं मिली है। अब एक व्यक्ति ने न्यायालय में याचिका दायर कर प्रशासन को निर्देश देने की बात कही लेकिन, न्यायालय ने इस याचिका को खारिज कर दिया।

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