तीन तलाक के ही साथ बहुविवाह और हलाला पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

तीन तलाक के ही साथ बहुविवाह और हलाला पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली। तीन तलाक को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई की जा रही है। न्यायालय ने विभिन्न याचिकाकर्ताओं के मत सुने। उनकी ओर से कुछ अभिभाषकों ने अपने तथ्य और तर्क प्रस्तुत किए। न्यायालय में की गई सुनवाई के दौरान बहुविवाह और हलाला पर सुनवाई की बात भी सामने आई। न्यायालय ने यह भी कहा कि वह बहुविवाह और हलाला को लेकर भी सुनवाई करेगा। इस मामले में अटाॅर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायालय से मांग की थी कि हलाला और बहुविवाह पर सुनवाई करने में समय अधिक लगेगा।

अभी तीनों मसलों पर सुनवाई का समय कम है। न्यायालय के न्यायाधीशों का कहना था कि वे अभी महज तीन तलाक पर सुनवाई करेंगे। न्यायालय में सुनवाई के दौरान अटाॅर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमें तीन तलाक को समाप्त कर देना चाहिए। जब ऐसे देशों में तीन तलाक समाप्त हो गया है जहां पर इसका प्रावधान था। न्यायालय से भारत के अटाॅनी जनरल मुकुल रोहतगी ने इन देशों के नाम लेते हुए कहा कि सऊदी अरब, ईरान, इराक, लीबिया, मिस्त्र व सूडान आदि देशों में तीन तलाक जैसे विधान को समाप्त कर दिया गया है।

फिर हम इसे समाप्त क्यों नहीं कर सकते हैं। तीन तलाक को लेकर न्यायालय 11 मई से न्यायिक कार्रवाई कर रहा है। दूसरी ओर न्यायालय में याचिकाकर्ताओं के पक्ष को भी सुना गया। जिसमें याचिकाकर्ता शायरा बानो की ओर से दायर याचिका को लेकर सुनवाई की। जिसमें उनके वकील ने कहा कि तीन तलाक इस्लाम का भाग नहीं है। जब कई मुस्लिम राष्ट्रों में तीन तलाक समाप्त हो गया तो भारत में भी इसे समाप्त किया जाना चाहिए।

मुस्लिम महिला आंदोलन की तरफ से जकिया सोमन के वकील आनंद ग्रोवर ने बहस की थी उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट और गुवाहाटी हाई कोर्ट के फैसलों के हवाला दिया और कहा कि दोनों ही फैसलों में तीन तलाक को गैर इस्लामी बताया है उन्होंने ये भी कहा कि तीन तलाक का प्रावधान दरअसल अंग्रेजों का बनाया हुआ कानून है जिसे इस्लाम धर्म में गुनाह माना गया है पांच जज इस मसले पर सुनवाई कर रहे हैं जिसमें हिंदू, ईसाई, मुस्लिम आदि धर्मों को मानने वाले जज शामिल हैं।

न्यायालय में सुनवाई के दौरान लोकप्रिय वकील राम जेठमलानी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 में विभिन्न नागरिकों को समानता का अधिकार है लेकिन तीन तलाक समानता के अधिकार का हनन करता है। उनका कहना था कि कुरान ने कहा है कि एक ज्ञान के साधक की स्याही शहीद के खून से अधिक महान है। उन्होंने कहा कि महिलाओं से लिंगभेद नहीं किया जा सकता है। मिली जानकारी के अनुसार न्यायालय द्वारा इस मामले की सुनवाई 19 मई तक जारी रहेगी। सुनवाई प्रतिदिन होगी।

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