नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदालत से केंद्र की मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है। अदालत ने इसके साथ ही इस मुद्दे के समाधान के लिए कमिटी गठित करने का आदेश पारित कर दिया है। समस्या के समाधान के लिए अब कमिटी चर्चा करेगी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से तीखे सवाल पूछे थे।
प्रधान न्यायाधीश शरद अरविन्द बोबड़े ने पूछा हमारे पास एक आवेदन है जिसमें कहा गया है कि प्रतिबंधित संगठन इस प्रदर्शन में सहायता कर रहे हैं। क्या अटॉर्नी जनरल इसे मानेंगे या मना करेंगे। इस पर अटॉर्नी जनरल जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा हमने कहा था कि प्रदर्शन में खालिस्तानियों की घुसपैठ है। इस पर अदालत ने कहा कि ऐसा है तो ऐसे में केंद्र सरकार कल तक हलफनामा दाखिल करे। जवाब में अटॉर्नी जनरल हम हलफनामा देंगे और IB का रिकॉर्ड भी देंगे।
वहीं, किसान संगठनों के वकील विकास सिंह ने कहा कि किसान प्रदर्शन स्थल से उस स्थान पर जा सकते हैं, जहां से प्रदर्शन दिखे। अन्यथा प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। किसानों ने कहा कि उन्हें प्रदर्शन के लिए रामलीला मैदान दिया जाए। इसपर शीर्ष अदालत ने कहा कि रामलीला मैदान या कहीं और पर प्रदर्शन के लिए पुलिस कमिश्नर से किसान अनुमति के लिए आवेदन दे सकते हैं ऐसा हम ऑर्डर करेंगे।
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