नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का कारण बने दमघोंटू माहौल पर शीर्ष अदालत का सख्त रवैया बरकरार है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की बेंच ने बुधवार को सुनवाई करते हुए सरकारों को जमकर फटकार लगाई। अदालत ने पूछा कि क्या आप लोगों को प्रदूषण से मरने के लिए छोड़ देंगे? क्या आप इस देश को सौ वर्ष पीछे ले जा रहे हैं? अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शीर्ष अदालत ने उन पर फ़ौरन कार्रवाई करने तक की चेतावनी दे डाली।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को अपनी ड्यूटी नहीं निभाने पर भी कड़ी लताड़ लगाई। कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि, 'आप अपनी ड्यूटी पूरी करने में बुरी तरह से नाकाम हुए हैं।' न्यायमूर्ति मिश्रा ने आदेश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि अब कोई पराली न जलाए।
पंजाब के मुख्य सचिव पर तो न्यायमूर्ति मिश्रा इस कदर गुस्सा गए कि उन्हें फ़ौरन निलंबित करने की चेतावनी भी दे डाली। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि हर किसी को पता है कि इस वर्ष भी पराली जलाई जा रही है।
अदालत ने कहा कि आखिर सरकार ने इस बारे में पहले से तैयारी क्यों नहीं की गई और क्यों मशीनें पहले उपलब्ध नहीं कराई गई? उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पूरे वर्ष में कोई भी कदम नहीं उठाया गया। कोर्ट ने अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए कहा कि आप महंगे टॉवरों में बैठते हो और राज करते हो। आपको किसी बात की चिंता नहीं है और आपने लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया है।
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