नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को देश की राजधानी दिल्ली में नौकरशाहों के नियंत्रण पर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष को संविधान पीठ के पास भेज दिया है। देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना के नेतृत्व वाली बेंच ने स्पष्ट किया है कि पांच-न्यायाधीशों की बेंच दिल्ली में 'प्रशासनिक सेवाओं' से जुड़े सीमित मुद्दे पर फैसला करेगी और अनुच्छेद 239AA की व्याख्या को लेकर कोई अन्य अहम मुद्दे पर नए सिरे से फैसला नहीं किया जाएगा।
बता दें कि, संविधान का अनुच्छेद 239AA दिल्ली सरकार की विधायी और कार्यकारी शक्तियों को स्पष्ट करता है। यह अनुच्छेद स्पष्ट रूप से कहता है कि तीन विषय, अर्थात् भूमि, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था, राजधानी में केंद्र सरकार के अंतर्गत रहेंगे। CJI एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा है कि मामले की अगली सुनवाई 11 मई को की जाएगी। केंद्र ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की सीमाओं को निर्धारित करने के लिए एक संविधान पीठ द्वारा नए सिरे से फैसला करने का आग्रह किया था। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि दिल्ली में प्रशासनिक सेवाएं किसके नियंत्रण में रहेंगी, इसे मुद्दे को संविधान पीठ के पास भेजा जाए।
सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए एक लिखित नोट में केंद्र ने कहा कि संविधान पीठ का संदर्भ देने वाले 2017 के आदेश को पढ़ने से यह पता चल सकता है कि अनुच्छेद 239एए के तमाम पहलुओं की व्याख्या करने की आवश्यकता होगी। केंद्र सरकार ने कहा कि, 'भारत संघ ने विषय को संविधान पीठ के पास भेजने का अनुरोध किया था।'
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