मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की याचिका पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह से कहा है कि आप सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आए, पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं गए। इस पर परमबीर सिंह कि तरफ से कहा गया कि यह मामला बेहद गंभीर है और इसका असर पूरे देश पर पड़ेगा। हालाँकि, इसके बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व पुलिस आयुक्त को पहले हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है। जिस पर परमबीर सिंह की तरफ से भी आज ही हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने की बात कही है।
बता दें कि अपनी याचिका में परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के इल्जाम लगाए हैं और CBI जांच की मांग की है। उन्होंने अपने ट्रांसफर के आदेश को भी याचिका में चुनौती दी है। बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने होमगार्ड विभाग में तबादला किए जाने को लेकर शीर्ष अदालत में 22 मार्च को एक याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में सभी आरोपों की जांच CBI से कराने की मांग के साथ ही उन्होंने अनिल देशमुख के आवास के बाहर की CCTV फुटेज को जब्त कर उसकी जांच कराए जाने की भी मांग की है ताकि हकीकत सभी के सामने आ सके।
वहीं, महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को फोन टैपिंग की इजाजत किसने दी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने दावा किया है कि पुलिस विभाग में तबादले और पोस्टिंग में रिश्वतखोरी हो रही है। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद गंभीर आरोपों से घिरे महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार देर रात सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। बता दें कि विपक्ष द्वारा लगातार अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की जा रही है, ऐसे में सीएम के साथ गृह मंत्री की मुलाकात बेहद अहम हो सकती है।
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