नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा में भड़काऊ भाषण देने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर शीर्ष अदालत के चीफ जस्टिस शरद अरविन्द बोबड़े ने कहा है कि याचिकाकर्ता हर्ष मंदर को फिलहाल नहीं सुना जाएगा. CJI बोबड़े ने कहा कि दूसरी याचिका दाखिल करने वाले दंगा पीड़ितों के वकील पक्ष रख सकते हैं. दलित ने याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय जाने के लिए कहा. SC ने उच्च न्यायालय से इस मामले पर शुक्रवार (5 मार्च) को सुनवाई करने के लिए कहा है.
उल्लेखनीय है कि HC ने भड़काऊ भाषण देने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के मामले को 13 अप्रैल तक के लिए टाल दिया था. अब शीर्ष अदालत के आदेश के बाद शुक्रवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी. अदालत ने कहा कि हम दूसरे याचिकाकर्ताओं को सुन सकते हैं. सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दिल्ली HC में मामला विचाराधीन है, शीर्ष अदालत को इसपर सुनवाई नहीं करना चाहिए.
सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत में याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता हर्ष मंदर ने शाहीनबाग में जाकर प्रदर्शनकारियों को उकसाने का कार्य किया. मंदर ने कहा था कि जो कुछ होगा सड़क पर ही होगा, शीर्ष अदालत से ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती. याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत पर भरोसा न जताते हुए सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बोला था.
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