सुप्रीम कोर्ट ने किया गैरसैंण को राजधानी बनाने से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने किया गैरसैंण को राजधानी बनाने से इनकार
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गैरसैंण को उत्तराखंड की राजधानी और प्रताप नगर को नया जिला बनाने से इनकार कर दिया। वहीं मंगलवार को शीर्ष कोर्ट ने कहा, यह नीतिगत फैसला है और इसमें कोर्ट कोई निर्देश जारी नहीं कर सकता।जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने देहरादून के एक व्यक्ति की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें गैरसैंण को राजधानी घोषित करने का निर्देश देने की मांग की थी। पीठ ने कहा, ये नीतिगत फैसले हैं और इसमें हम कोई निर्देश नहीं दे सकते। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुख्यमंत्री रावत ने बीते 20 साल के इस भावपूर्ण राजनीतिक मुद्दे को विराम देते हुए गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी।

 इसके लिए गठित दीक्षित आयोग ने अपनी जांच में गैरसैंण को राजधानी बनाने लायक नहीं पाया था।सुप्रीम कोर्ट में गैरसैंण को राजधानी बनाने की याचिका खारिज होने से प्रदेश सरकार भले ही राहत महसूस कर सकती है लेकिन इससे स्थायी राजधानी का सवाल अब और तीखा होकर उभरेगा। इसके अलावा भराड़ीसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अचानक ही गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का एलान किया था। मुख्यमंत्री के इस सियासी पैंतरे से कांग्रेस तक को संभलने का मौका नहीं मिला। वहीं दूसरी ओर, भाजपा इसमें बढ़त लेती दिखाई दी थी। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा था कि उन्हें इस बात का मलाल रहेगा कि वे गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित नहीं कर पाए।

आपकी जानकारी के लिए बता दें की भाजपा की इस बढ़त के बाद कांग्रेस ने मोर्चा संभाला और एलान किया कि कांग्रेस ग्रीष्मकालीन राजधानी से संतुष्ट नहीं है और वह सत्ता में आते ही गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाएगी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करने से कांग्रेस को भी मायूसी मिलेगी।वहीं  दूसरी ओर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का साफ कहना है कि कांग्रेस यह स्पष्ट कर चुकी है कि सत्ता में आते ही वह गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाएगी। वहीं राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय संरक्षक धीरेंद्र प्रताप का कहना है कि आंदोलनकारी पहले से ही स्थायी राजधानी की मांग कर रहे हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश जारी करने से मना किया है। यह नहीं कहा कि स्थायी राजधानी न बनाई जाए।वहीं  भावनात्मक रूप से लोग गैरसैंण को स्थायी राजधानी के रूप में देखना चाहते हैं।

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