नई दिल्ली: INX मीडिया हेराफेरी से संबंधित ईडी मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को शीर्ष अदालत से बड़ा झटका लगा है. न्यायमूर्ति भानुमति और न्यायमूर्ति बोपन्ना की खंडपीठ ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका ठुकरा दी है. अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के कारण, अब ईडी चिदंबरम को गिरफ्तार कर सकती है.
इससे पहले शीर्ष अदालत में ईडी की तरफ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि यदि चिदंबरम को अग्रिम जमानत दी जाती है तो उसके विनाशकारी परिणाम होंगे. उन्होंने कहा था कि ऐसा इसलिए क्योंकि इसका सीधा प्रभाव विजय माल्या, मेहुल चौकसी, नीरव मोदी, शारदा चिटफंड, टेरर फंडिंग जैसे केसों पर पड़ेगा. तुषार मेहता ने साक्ष्य दिखाकर बिना गिरफ्तारी पूछताछ की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि जांच किस तरह की जाए, एजेंसी ज़िम्मेदारी से इसका फैसला लेती है. जो आरोपी स्वतंत्र घूम रहा है, उसे सबूत दिखाने का मतलब है बचे हुए सबूत मिटाने का निमंत्रण देना.
तुषार मेहता ने कहा था कि जांच को किस तरह आगे बढ़ाया जाए, ये पूरी तरह से एजेंसी का अधिकार है. मामले के लिहाज से एजेंसी तय करती है कि किस चरण पर किन सबूतों को जाहिर किया जाए और किन को नहीं. यदि गिरफ्तार करने से पहले ही सारे सबूतों, गवाहों को आरोपी के समक्ष रख दिया जाएगा, तो ये तो आरोपी को सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और मनी ट्रेल को ख़त्म करने का मौक़ा देने जैसा होगा.
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