नई दिल्ली: INX मीडिया घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी। चिदंबरम को सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ा झटका लगा। अदालत ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत पर याचिका ठुकराते हुए सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी के मामले में दखल देने से मना कर दिया। अदालत ने चिदंबरम को निचली अदालत में नियमित जमानत याचिका लगाने के लिए कहा है। अदालत ने कहा कि याचिका अर्थहीन है।
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि गिरफ्तारी हो जाने के बाद इस याचिका का कोई औचित्य नहीं रह जाता। चिदंबरम के वकील कपिल सिब्ब्ल ने उनकी तरफ से पक्ष रखते हुए कहा कि, "जब मैं लगातार प्रयास कर रहा था सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए, तभी सीबीआई ने मुझे गिरफ्तार कर लिया।" वहीं, घोटाले से सम्बंधित अहम जानकारियां सीबीआई के पास देश ही नहीं बल्कि विदेशो से भी आनी आरंभ हो गई हैं।
हिरासत में लेते ही सीबीआई ने पांच देशों यूके, मॉरीशस, सिंगापुर, बरमूडा, स्विट्जरलैंड को LR यानी लैटर रोगेटरी जारी किए थे ताकि इस पूरे स्कैम की मनी ट्रेल के संबंध में पता लग सके। इनमें से कुछ देशों ने मनी ट्रेल की जानकारी भेजनी आरंभ कर दी है। फॉरेन इन्वेस्टमेंट के नाम पर 305 करोड़ रुपए की राशि को कार्ति चिदम्बरम ने किस किस देश में शेल्स कंपनियो में निवेश किया, इसके साथ ही कार्ति चिदंबरम के पीएस की एक्सटर्नल डिस्क से मिले 4 इनवॉइस जिसमे पैसो की जानकारी है वो भी महत्वपूर्ण है। फिलहाल अदालत चिदंबरम द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामले में लगाई गई अग्रिम याचिका पर सुनवाई कर रही है।
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