नई दिल्ली: मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणी के खिलाफ निर्वाचन आयोग की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुना दिया है. शीर्ष अदालत ने मीडिया को अदालत की कार्यवाही से रोकने के लिए रोक देने के लिए निर्वाचन आयोग की अर्ज़ी खरिज कर दी है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि दो संवैधानिक प्राधिकारियों के अधिकारों को संतुलित करने के नाजुक सवाल ने मीडिया की भूमिका पर सवाल खड़ा किया है.
उन्होंने कहा है कि, ” अदालत तक खुली पहुंच संवैधानिक स्वतंत्रता का आधार है, अनुच्छेद 19 1A प्रेस की स्वतंत्रता को कवर करता है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को भी कोर्ट की कार्यवाही को कवर करने की स्वतंत्रता को शामिल किया गया है.” न्यायमूर्ति डी चंद्रचूड़ ने कहा इंटरनेट ने कोर्ट रूम की रिपोर्टिंग को क्रांति दी है, अब लोग अधिक डिजिटल ओरेटेड हो गए है और जानकारी के लिए इंटरनेट पर ध्यान देते है. अदालत ने कहा कि इसलिए किसी नये माध्यम को कार्यवाही की रिपोर्ट करने से रोकना अच्छा नहीं होगा. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने लाइव स्ट्रीमिंग की इजाजत दी है, गुजरात HC ने भी ऐसा करने की अनुमति दी है.
अदालत ने कहा कि सुनवाई के दौरान की जाने वाली टिप्पणियां फैसले का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि समाधान का ही हिस्सा हैं और जो दोनों पक्षों के विचारों पर विपरीत निर्वाचन करती हैं, यदि इस अभिव्यक्ति को हतोत्साहित किया गया तो इंसाफ करने की प्रक्रिया बंद हो जाएगी.
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