नई दिल्ली: बंगाल चुनाव में "जय श्री राम" के नारे पर रोक लगाने और ऐसे नारे लगाने वाली पार्टी के नेताओं के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने के आदेश वाली याचिका को शीर्ष अदालत ने ठुकरा दिया है. याचिका में भाजपा नेता अमित शाह और शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ नामजद FIR दर्ज करने का आदेश देेने की भी मांग की गई थी.
याचिका में कहा गया था कि पश्चिम बंगाल के चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता चुनावी सभाओं और रैलियों में "जय श्री राम " के नारे लगा रहे हैं. यह आदर्श आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 का उल्लंघन है. लिहाज़ा उनके खिलाफ FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए. इस याचिका में आठ चरणों में पश्चिम बंगाल चुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के आदेश को भी चुनौती दी गई थी, जिसको अदालत ने खारिज कर दिया. CJI ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए? याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि, मैं सूबे की शांति व्यवस्था सहित कई अन्य मुद्दे भी कोर्ट के सामने लेकर आया हूं. CJI ने कहा कि आप पहले उच्च न्यायालय जाइये.
याचिकाकर्ता ने दलील देते हुए कहा कि 1996 के महेंद्र सिंह गिल मामले में शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि चुनाव के नोटिफिकेशन के बाद उच्च न्यायालय चुनाव संबंधी याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकता. CJI ने कहा कि उच्च न्यायालय के पास यह अधिकार है. आप हमें बताये कि पहले के फैसले में ऐसा कहां कहा गया है?
हिंदुस्तान यूनिलीवर ने किया बड़ा ऐलान, अपने सभी ब्रांडों से हटाएंगे ये शब्द
केंद्र ने राज्यों को 1.06-लाख करोड़ की जीएसटी मुआवजा की कमी की जारी