नई दिल्ली: देश के सर्वोच्च न्यायालय ने 8 राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा प्रदान करने की मांग करनेवाली याचिका को खारिज कर दिया है. इन राज्यों में हिन्दुओं को अल्पसंख्यकों की सूची में शामिल करने की मांग वाली इस याचिका पर शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे इसके लिए संबंधित राज्यों के उच्च न्यायालय में अप्रोच करें जहां हिन्दू अल्पसंख्यक हैं.
यह अपील भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और पेशे से वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दाखिल की गई थी. भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने इस संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस फैसले से उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई है. दरअसल अश्विनी कुमार उपाध्याय ने वर्ष 2011 की जनगणना का हवाला देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में अश्विनी उपाध्याय ने आठ प्रदेशों में हिंदुओं के लिए अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए कहा था यहां हिंदू समुदाय की आबादी में गिरावट आई है.
2011 की जनगणना का हवाला देते हुए अश्विनी उपाध्याय द्वारा बताए गए राज्यों के नामों में लक्षद्वीप (2.5%), मिजोरम (2.75%), नगालैंड (8.75%), मेघालय (11.53%), जम्मू और कश्मीर (28.44%) , अरुणाचल प्रदेश (29%), मणिपुर (31.39%) सहित पंजाब (38.40%) शमिल हैं. अश्विनी ने अपनी याचिका में कहा था कि इन प्रदेशों में हिंदू अल्पसंख्यक होने के बाद भी अपने अधिकारों से वंचित हैं.
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