लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान ने जमानत के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की थी. आजम खान की जमानत याचिका पर शीर्ष अदालत में मंगलवार को सुनवाई हुई. आजम खान के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में जमानत के लिए मजबूत दलीलें पेश कीं, तो यूपी सरकार के वकील ने भी आजम की जमानत का विरोध करते हुए अपना पक्ष रखा. शीर्ष अदालत ने इस मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.
सर्वोच्च न्यायालय में यूपी सरकार की तरफ से पेश हुए असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल राजू ने सपा नेता की जमानत का विरोध किया. उन्होंने कहा कि आजम खान ने ये बयान दिया था कि जिस SDM ने मेरे खिलाफ केस लिखवाए, उसको मैं देख लूंगा. मेरी सरकार आने दो बस. इस पर न्यायमूर्ति राव ने कहा कि राजू आप ऐसा नहीं कर सकते. जमानत अलग मामला है और इसके बाद जेल अलग मामला. अदालत ने ये भी पूछा कि क्या उन मामलों में जमानत दी गई थी? इस सवाल पर असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि हां, मगर वह आदतन अपराधी है. जमानत नहीं दिए जाने का ये एक आधार है.
असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल ने ये आरोप भी लगाया कि आजम खान ने पूछताछ करने गए जांच अधिकारी को भी धमकाया था. आजम खान की तरफ से पेश हुए कांग्रेस नेता वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले में एक ही शिकायतकर्ता ने पूरक शिकायत की है. आगे की जांच के लिए अदालत की तरफ से मंजूरी नहीं दी गई है. वे खुद ही जांच कर रहे हैं जबकि ये मुकदमा 13 वर्ष बाद दर्ज हुआ है. ये क्या हो रहा है? आजम खान के वकील ने ये भी कहा कि हम स्कूल नहीं चलाते. हमने कुछ भी नहीं किया है.
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