नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संत रविदास का मंदिर तोडे जाने का काफी विरोध हो रहा है। समाज के लोग इस कदम से काफी दुखी बताए जा रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब इस पर राजनीति भी शुरू हो गई हैं। बुधवार को जंतर-मंतर पर मंदिर तोड़े जाने के विरोध में एक प्रदर्शन भी आयोजित किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने इस प्रदर्शन में शामिल होने का फैसला किया है। कांग्रेस,आप और भाजपा तीनों एकददूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। लेकिन अदालत उनका राजनीति से खुश नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि, तुगलकाबाद वन क्षेत्र में तोड़े गए रविदास मंदिर मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने दिल्ली, हरियाणा और पंजाब सरकारों को भी निर्देश दिया था कि इस मामले पर कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने न पाए और सरकारें इसके लिए आवश्यक इंतजाम करें। 21 अगस्त को होने वाले इस प्रदर्शन के लिए पंजाब, हरियाणा, राजस्थान से दलित समाज के लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। इस प्रदर्शन में सिख समाज के लोगों के भी शामिल होने की उम्मीद है क्योंकि सिख समुदाय संत रविदास को भी सम्मान देता है।
आप सरकार में सामाजिक कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने मंगलवार को कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों के लिए रविदास का मंदिर बहुत प्रिय था। समाज के लोग मंदिर तोड़े जाने से बहुत आहत हैं। लोगों की इच्छा है कि इस मंदिर को दोबारा बनाया जाए। कांग्रेस और आप बीजेपी पर इस मामले में दोहरा रवैयाा अपनाने का आरोप लगा रहे हैं।
दुनिया को अलविदा कह गए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, भोपाल में हुआ निधन
जब शौचालय कम बने तो ज्यादा कैसे बताए, सीएम योगी ने 6 डीएम से मांगा जवाब
कलयुगी बाप ने किया रिश्तों को शर्मसार, 15 साल तक अपनी ही बेटी से करता रहा बलात्कार