नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) 2010 का उपयोग करते हुए गैर सरकारी संगठन (NGO) की विदेशी फंडिंग रोक दिया है. केंद्र सरकार के इस कदम को एनजीओ इंडिया सोशल एक्शन फोरम (इंसाफ) ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. NGO की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने सुनवाई की.
दो सदस्यीय बेंच ने शुक्रवार को अपने फैसले में केंद्र सरकार को बड़ा झटका दिया. समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि यदि कोई संगठन सक्रिय सियासत में नहीं है और जनहित के लिए बंद या हड़ताल का समर्थन करता है, तो उसे राजनीतिक संगठन घोषित कर विदेशी फंड हासिल करने से नहीं रोका जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी संगठन को विदेशी धन हासिल करने से रोकने के लिए केंद्र सरकार को FCRA के नियमों और प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन करना चाहिए.
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि, 'प्रावधानों से ही यह साफ़ है कि बंद, हड़ताल, रास्ता रोको इत्यादि को सियासी कार्रवाई के सामान्य तरीके के रूप में लिया जाता है. किन्तु कोई भी संगठन जो बगैर किसी राजनीतिक लक्ष्य के अपने अधिकारों के लिए धरना-प्रदर्शन करने वाले लोगों का समर्थन करता है, तो उसे सियासी प्रवृति का संगठन घोषित कर दंडित नहीं किया जा सकता.'
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