मनीष कश्यप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार-तमिलनाडु सरकार से माँगा जवाब, 21 अप्रैल को अगली सुनवाई

मनीष कश्यप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार-तमिलनाडु सरकार से माँगा जवाब, 21 अप्रैल को अगली सुनवाई
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पटना: सर्वोच्च न्यायालय में आज यानी मंगलवार (11 अप्रैल) को बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप की याचिका पर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में केंद्र, बिहार और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी करते हुए एक हफ्ते में जवाब देने के लिए कहा है और अगली सुनवाई 21 अप्रैल 2023 तक के लिए स्थगित कर दी है। दरअसल, मनीष कश्यप ने शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में अपने खिलाफ बिहार और तमिलनाडु में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ मर्ज करने की माँग की है। याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ कई FIR दर्ज की गई हैं, जिसमें बिहार में 3 और तमिलनाडु में 2 FIR शामिल हैं। साथ ही मनीष कश्यप ने अपनी याचिका में अंतरिम जमानत की माँग भी की है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान कश्यप की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा कि वह दो प्रदेशों में पाँच मुकदमों का सामना कर रहे हैं। दवे ने कहा कि, 'तमिलनाडु में दो FIR दर्ज की गई है और बिहार में एक जमानत याचिका ठुकरा दी गई है। एक अपराध के मामले में कई कार्रवाई नहीं की जा सकती। अर्नब गोस्वामी मामले में भी ऐसा ही हुआ था।' दवे ने कोर्ट से कहा कि कई FIR दर्ज होने की वजह से मनीष को तमिलनाडु ले जाया गया है, मगर उन्हें वहाँ की भाषा समझ नहीं आती। वहीं तमिलनाडु राज्य की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि फर्जी खबरों के चलते कई मौतें हुईं। यह कोई छोटी बात नहीं है।

बता दें कि मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों पर हमले को लेकर फर्जी वीडियो बनाने का इल्जाम है। वहीं मनीष कश्यप का कहना है कि नीतीश सरकार के कहने पर उनके खिलाफ बिहार और तमिलनाडु में फर्जी FIR दर्ज कराई गई है। मनीष ने 18 मार्च को बिहार के बेतिया में आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके बाद 29 मार्च को पुलिस उन्हें अपने साथ तमिलनाडु ले गई। मदुरै की एक कोर्ट में पेश करने के बाद कश्यप को 3 दिनों की रिमांड पर भेज दिया गया था। रिमांड खत्म होने के बाद फिर से उनकी मदुरै जिला अदालत में पेशी हुई। जहाँ से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। फिलहाल वह 19 अप्रैल 2023 तक न्यायिक हिरासत में है। कश्यप के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत भी केस दर्ज किया गया है।

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