नई दिल्ली: दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी छात्र नेता की जमानत के बाद उसका स्वागत करते हुए पोस्टरों और होर्डिंगों को देखकर सर्वोच्च न्यायालय ने नाराजगी जाहिर की है. दरअसल इन पोस्टरों और बैनरों पर 'भैया इज बैक' जैसे नारे लिखे हुए थे. जिसके बाद चीफ जस्टिस (CJI) एन वी रमन्ना की बेंच को पीड़ित लड़की के वकील ने इस संबंध में जानकारी दी.
इसके साथ ही बताया है कि स्थानीय इलाके में आरोपी को जमानत देने का जश्न मनाते हुए देखा गया है. उल्लेखनीय है कि आरोपी को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को दुष्कर्म के एक मामले में बचाव पक्ष के वकील से कहा कि, 'अपने भैया से इस हफ्ते सावधान रहने के लिए कहें. 'भैया इज बैक' उनकी रिहाई का जश्न मनाने के लिए उन्हें बाहर नहीं भेजा गया. जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि, 'जमानत के बाद आप किस बात का जश्न मना रहे हैं? एक होर्डिंग था जिस पर लिखा था, 'भैया इज बैक', यह होर्डिंग क्या सन्देश दे रहा है.'
अदालत ने बचाव पक्ष के वकील से सवाल किया कि, 'एक होर्डिंग है, 'भैया इज बैक' यह क्या है? आपने किस मौके पर होर्डिंग लगाई?' जिसके जवाब में बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि संभवत: आरोपी को जमानत मिलने के बाद होर्डिंग लगाई गई थी. अदालत ने पलटवार करते हुए कहा कि, 'अपने भैया से इस सप्ताह सावधान रहने को कहिए.' इस मामले की बात करें तो इसकी FIR में आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने लड़की से विवाह का झूठा वादा कर तीन साल की अवधि में कई मौकों पर उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए. आरोपी को गत वर्ष सितंबर में अरेस्ट किया गया था. हाई कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत दे दी कि पूरी सुनवाई अवधि के दौरान आरोपी को हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है. आरोपी ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि उसके बीच आपसी सहमति से संबंध बने थे.
'हाइब्रिड' होगा भविष्य का युद्ध, कंप्यूटर वायरस से भी होगी जंग - इंडियन एयरफोर्स चीफ
घर से निकले तीन युवक नहीं लौटे वापस, नदी किनारे मिली साइकिल और चप्पलें .. डूबने की आशंका