नई दिल्ली: ग्रीन क्रैकर्स (Green Crackers) के नाम पर पुराने पटाखे बेचने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने सख्त रवैया अख्त्यार कर लिया है. अदालत ने सभी राज्यों को चेतावनी देते हुए कहा कि पटाखा बैन करने के कोर्ट के आदेश का प्लान तमाम राज्यों में होना चहिए. अदालत ने कहा पटाखों की लड़ियों पर रोक लगाई थी किन्तु, सभी उत्सव में उनका उपयोग किया जाता है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि हम जीवन की कीमत पर उत्सव मनाने की अनुमति नहीं दे सकते, उत्सव के दौरान लोगों को तेज आवाज वाले पटाखे से कहां से मिलते हैं? सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उत्सव बगैर शोर वाले पटाखों जैसे फुलझड़ी और अन्य से मनाया जा सकता है. शोर मचाने वाले पटाखों की इजाजत नहीं दी जा सकती है. शीर्ष अदालत में मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी. अदालत ने पटाखा कंपनियों को कोर्ट के आदेश के बाद भी पटाखे में प्रतिबंधित सामग्री का उपयोग करने पर फटकार लगाई. शीर्ष अदालत ने पटाखा कंपनियों से कहा हम आपको प्रतिबंधित सामग्रियों को गोदान में भी रखने की अनुमति नहीं देंगे.
इससे पहले पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रतिबंधित सामग्री का इस्तेमाल करने वाली 6 पटाखा कंपनियों को नोटिस जारी किया था. CBI की प्राथमिक जांच में इन कंपनियों की ओर से बेरियम की खरीद और उनका पटाखों में उपयोग की बात सामने आई है. अदालत ने कहा था वह जन कंपनियों का लाइसेंस निरस्त करने पर विचार करेगा.
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