नई दिल्ली: किसानों द्वारा दिल्ली की सिंघू बॉर्डर (Singhu Border) को अवरुद्ध किए जाने की वजह से लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. सोनीपत के निवासियों ने इस मामले को लेकर शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की थी, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया है. यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में लोगों को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा है.
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, ‘आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते? आप हाईकोर्ट में गुहार लगाएं. वह आमजन की समस्याओं पर गौर करेगी. राज्य सरकार भी वहां बेहतर जवाब देगी. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि किसान दिल्ली की सरहदों पर पिछले कई महीनों से बैठे हैं, जिससे आम लोगों के अधिकार का हनन हो रहा है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि, ’23 अगस्त को शीर्ष अदालत ने कहा था कि सड़क को ब्लॉक नहीं किया जाना चाहिए. केंद्र और राज्य सरकार इसका समाधान निकाले. इसी आदेश के मद्देनजर हमने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है, तो ऐसे में हाईवे का एक तरफ का मार्ग खुलवाया जाना चाहिए.’
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि आपकी तरफ से याचिका वापस लेने कि मंजूरी हम दें देंगे. आप वहां जाइये और उचित आदेश कि मांग करिए. बता दें कि किसान गत वर्ष नवंबर से दिल्ली से लगी बॉर्डर्स पर केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने बार-बार कानूनों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को खत्म करने और उन्हें बड़े कॉर्पोरेट की दया का मोहताज बनाने का भय जाहिर किया है. सरकार और किसानों के बीच इस संबंध में कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है.
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