जम्मू कश्मीर। राज्य में मौजूद वैष्णो देवी की पवित्र गुफा ओर जाने वाले दर्शनार्थियों को, लगता है फिलहाल अधिक राहत नहीं मिल सकेगी। जी हां, सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के एक आदेश पर रोक लगा दी है। एनजीटी ने अपने आदेश में वैष्णो देवी गुफा की ओर जाने वाले पैदल यात्रियों के लिए, बैट्री चालित कारों के लिए मार्ग को 24 नवंबर से खोलने की बात कही थी। मगर इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी। न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ के सामने बोर्ड ने कहा कि, श्रद्धालुओं के गुफा तक जाने के लिए पहल करने के रास्ते खुले हुए हैं।
बोर्ड की ओर से , वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि, इस क्षेत्र में सर्दी का मौसम प्रारंभ होने के कारण इस मार्ग के निर्माण में परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि, यह भूकंपीय क्षेत्र है। दूसरी ओर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की पीठ ने एनजीटी में याचिकार दायर करने वाली गौर मौलेखी को नोटिस जारी किया है। गौरी की अपील थी कि, नए मार्ग से घोड़े व खच्चरों पर यात्रियों को ढोकर ले जाने की अनुमति न दी जाए।
गौरतलब है कि, एनजीटी ने इस क्षेत्र में और बस स्टैंड पर गंदगी करने वालों पर लगभग 2 हजार रूपए जुर्माना आरोपित करने की बात कही थी। यह कहा गया था कि, यहां पर गंदगी फैलाना पर्यावरण के लिए तो नुकसानकारक है, साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी उचित नहीं है।
वैष्णो देवी के नए मार्ग पर बैट्री चलित कारों के न चलने की जानकारी सामने आने से, यात्री जरूर मायूस होंगे लेकिन, पर्यावरण प्रेमियों को सुकून मिला होगा। उल्लेखनीय है कि, वैष्णो देवी की गुफा में दर्शनों के लिए हर दिन लगभग 50 हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं तो दूसरी ओर, नवरात्रि में इनकी संख्या बढ़ जाती है।
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