नई दिल्ली: देश की अदालतों में बड़ी संख्या में मामले पेंडिंग पड़े हुए हैं. उच्च न्यायालयों में भी मुकदमों की लंबी फेहरिस्त है, जो पेंडिंग हैं. अब उच्च न्यायालय में लंबित पड़े मुकदमों के जल्द निपटारे को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला लिया है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों के जल्द निपटारे के लिए एडहॉक बेसिस पर जज की नियुक्ति की जा सकेगी. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हाईकोर्ट के ही सेवानिवृत्त जज को एडहॉक बेसिस पर नियुक्त कर सकेंगे.
शीर्ष अदालत ने साथ ही यह भी कहा है कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एडहॉक बेसिस पर रिटायर जज की नियुक्ति तब करेंगे, जब उन्हें लगेगा कि लंबित मामलों की तादाद काफी अधिक हो चुकी है. लंबित मामलों की संख्या इतनी अधिक हो चुकी है कि बिना अतिरिक्त जज की नियुक्ति के इनका निपटारा संभव नहीं हो पाएगा. सर्वोच्च न्यायालय ने रिटायर्ड जज को लेकर भी एक बिंदु स्पष्ट किया है.
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में ये भी स्पष्ट किया है कि रिटायर्ड जज का उच्च न्यायालय के प्रशासनिक मामलों में कोई दखल नहीं होगा. शीर्ष अदालत ने साथ ही केंद्रीय कानून मंत्रालय को भी जज की नियुक्ति को लेकर उच्च न्यायालयों के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा है. शीर्ष अदालत ने यह निर्देश भी दिया है कि चार महीने में इस पर अपनी प्रगति रिपोर्ट भी सबमिट करें.
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