नई दिल्ली : कर्नाटक के कांग्रेस और जेडीएस के 17 बागी विधायकों की याचिका पर शीर्ष अदालत बुधवार को फैसला सुनाएगा. न्यायमूर्ति एनवी रमना के नेतृत्व वाली तीन जजों की पीठ फैसला सुनाएगी. दरअसल, याचिका में कर्नाटक विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष द्वारा अयोग्य करार दिए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है. सर्वोच्च न्यायालय ने 25 अक्टूबर को सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था.
इससे पहले जेडीएस की तरफ पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफे की पेशकश पर गहराई से परीक्षण करना होता है. इस पर कपिल सिब्बल ने कहा था कि यह मामला काफी महत्वपूर्ण है, अब तक किसी कोर्ट ने इस मसले पर परीक्षण नहीं किया. उन्होंने इस मामले को संविधान पीठ के पास भेजने का आग्रह किया था. विधानसभा के मौजूदा स्पीकर की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के सामने पूर्व विधानसभा स्पीकर द्वारा विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के फैसले पर पुनर्विचार करने का प्रस्ताव दिया था.
पूर्व स्पीकर ने गलत तरीके से विधायकों के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया और विधायकों को अयोग्य करार दे दिया था. वहीं बागी विधायकों की तरफ से कहा गया था कि पूर्व स्पीकर ने इस बात का परीक्षण नहीं किया कि विधायक स्वेच्छा से बगैर किसी बाहरी दबाव के इस्तीफा दे रहे हैं. स्पीकर ने इन सभी को अयोग्य घोषित कर दिया था.
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