नई दिल्ली: शीर्ष अदालत आज यानी शुक्रवार को चुनावी बॉन्ड (इलेक्टोरल बॉन्ड) की बिक्री पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर फैसला सुनाने वाली है. इससे पहले बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई हुई थी और अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. ADR की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर बुधवार को वकील प्रशांत भूषण ने अदालत में कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड सत्ताधारी दल को चंदे के नाम पर रिश्वत देकर अपना काम कराने का माध्यम बन गया है.
वहीं, निर्वाचन आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय में कहा कि वह चुनावी बॉन्ड योजना का समर्थन करता है. इस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि हमेशा ये रिश्वत का चंदा सत्ताधारी दल को ही नहीं बल्कि उस दल को भी मिलता है, जिसके अगली दफा सत्ता में आने के आसार प्रबल रहते हैं. निर्वाचन आयोग ने अदालत से कहा कि वो चुनावी बॉन्ड का समर्थन करते हैं, क्योंकि यदि ये नहीं होगा तो राजनीतिक पार्टियों को कैश में चंदा मिलेगा.
निर्वाचन आयोग ने कहा कि वह चुनावी बॉन्ड योजना में और पारदर्शिता चाहता है. बहरहाल, चुनावी बॉन्ड मामले में शीर्ष अदालत में सुनवाई पूरी हो गई है. अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया. न्यायालयों ने बुधवार को पक्षकारों से कहा था कि वो चाहें तो लिखित दलील कोर्ट के पास भिजवा सकते हैं.
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