नई दिल्ली: आय से अधिक संपत्ति मामले में यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करने वाला है. इधर, मुलायम सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल करते हुए दावा किया है कि सीबीआई की प्राथमिक जांच में उन्हें क्लीन चिट दी जा चुकी है. हालांकि, मुलायम जिस रिपोर्ट का हवाला दे रहे हैं, उसे फर्जी बताते हुए सीबीआई 2009 में ही प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है.
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गत सुनवाई में शीर्ष अदालत ने मुलायम और अखिलेश के खिलाफ याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब तलब किया था. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजनीतिक कार्यकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी की याचिका पर नोटिस जारी किया था. दरअसल, याचिका में सीबीआई को अदालत में अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने की मांग की गई है. उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता ने 2005 में शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर सीबीआई को मुलायम, अखिलेश, उनकी पत्नी डिंपल यादव और प्रतीक यादव के विरुद्ध भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने का निर्देश देने की मांग की थी.
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इन सभी के विरुद्ध अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल कर आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति बनाने का आरोप लगाया था. शीर्ष अदालत ने एक मार्च 2007 को सीबीआई को आरोपों की जांच करने और यह पता लगाने को कहा था कि याचिका में सपा नेताओं के खिलाफ लगे आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप सत्य हैं या नहीं. इसके बाद में 2012 में अदालत ने मुलायम सिंह, अखिलेश और प्रतीक की पुनर्विचार याचिका ठुकरा दी थी.
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