नई दिल्ली: सरकारी स्कूल और कॉलेजों में हिजाब पर बैन के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने की याचिकाओं पर शीर्ष अदालत में आज अहम सुनवाई होने वाली है। भारत के नए चीफ जस्टिस (CJI) यूयू ललित का यह कामकाज का पहला दिन भी होगा। इन प्रतिबंध के खिलाफ कुल 23 याचिकाओं को न्यायालय में सुनवाई के लिए लिस्टेड किया गया है। वहीं, 25 मामले न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किए गए हैं, जिन पर सुनवाई आज होगी।
इससे पहले, तत्कालीन CJI एनवी रमणा के समक्ष हिजाब मामले की तत्काल सुनवाई के लिए कई बार अनुरोध किया गया था, मगर उस वक़्त यह मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हो पाया था। सुप्रीम कोर्ट में हिजाब मामले में दाखिल याचिका में सरकारी प्रशासन पर आरोप लगाया गया है कि सरकार सौतेली मां जैसा व्यवहार कर रही है। बता दें कि इन याचिकाओं के तहत कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें उसने राज्य सरकार के आदेश को यथावत रखा था। राज्य सरकार के फैसले के मुताबिक, स्कूलों और कालेजों में किसी भी तरह की धार्मिक पोशाख पहनने पर बैन रहेगा और यूनिफार्म रूल्स को सख्ती से लागू किया जाएगा।
कर्नाटक HC के जज को मिली थी जान से मारने की धमकी:-
बता दें कि, कुछ महीनों पहले कर्नाटक हाई कोर्ट के जज को एक इस्लामी संगठन द्वारा हत्या की धमकी दी गई थी। ये वही न्यायाधीश हैं, जिन्होंने हिजाब विवाद में दाखिल की गई याचिका के फैसले में हिजाब को इस्लाम का आवश्यक हिस्सा नहीं बताया था। यह धमकी तमिलनाडु तौहीद जमात (TMTJ) नामक एक संगठन ने मदुरै में एक कार्यक्रम के दौरान 17 मार्च (गुरुवार) को दी थी। धमकी देने वाले आरोपित का नाम कोवाई आर रहमतुल्लाह है। इस वीडियो को इंदु मक्क्ल ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था।
वीडियो में रहमतुल्लाह ने धमकी देते हुए कहा था कि, 'यदि हिजाब मामले में जज की हत्या हो जाती है, तो वो अपनी मौत के जिम्मेदार स्वयं होंगे। न्यायपालिका भाजपा के हाथों बिक चुकी है। कोर्ट का आदेश अवैध और गैरकानूनी है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ये आदेश अमित शाह के इशारे पर दिया है। फैसला देने वाले जज को अपने फैसले पर शर्म आनी चाहिए। जजों के फैसले संविधान के आधार पर होने चाहिए न कि उनकी निजी सोच के आधार पर।' हालांकि, बाद में रहमतुल्लाह को गिरफ्तार कर लिया था और जज को Y श्रेणी की सुरक्षा दे दी गई थी।
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