नई दिल्ली: लोन मोरेटोरियम अवधि के ब्याज पर ब्याज को माफ किए जाने की मांग को लेकर दाखिल की गई विभिन्न याचिकाओं पर शीर्ष अदालत आज सुनवाई करेगी. कई याचिकाकर्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मोरेटोरियम अवधि का ब्याज पर ब्याज वसूले जाने को चुनौती दी है. जिस पर अदालत सुनवाई कर रहा है.
इस मामले में वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पहले ही शीर्ष अदालत को हलफनामा दाखिल कर बता चुके हैं कि सरकार ने मोरेटोरियम अवधि का ब्याज पर ब्याज न वसूले जाने की योजना बनाई है और 2 करोड़ तक कर्ज लेने वालों से मोरेटोरियम अवधि का ब्याज पर ब्याज नहीं वसूला जाएगा. बताया था कि 2 करोड़ तक के कर्ज पर चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच का वसूला गया अंतर 5 नवंबर तक कर्जदारों के अकाउंट में वापस कर दिया जाएगा.
आपको बता दें कि कोरोना की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन में कई लोगों की नौकरियां चली गईं. ऐसे में लोन की किस्तें चुकाना कठिन था. ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन मोरेटोरियम की सहूलियत दी थी. यानी लोन पर किस्तें स्थगित कर दी गई थी. किसी लोन पर मोरेटोरियम का लाभ लेते हुए किस्त नहीं चुकाई तो उस अवधि का ब्याज मूलधन में जुड़ जाएगा. यानी अब मूलधन+ब्याज पर ब्याज लगेगा. इसी ब्याज पर ब्याज का मसला सर्वोच्च न्यायालय में है.
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