नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर आज सोमवार (31 अक्टूबर) को सुनवाई की. इस दौरान प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित ने CAA के मामले को उचित बेंच के समक्ष 6 दिसंबर को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है. क्योंकि CJI ललित 8 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. इसके साथ ही CJI ने सरकार को असम और त्रिपुरा के संबंध में दाखिल की गई याचिकाओं पर जवाब दायर करने के लिए अतिरिक्त वक़्त देने की मंजूरी दे दी है.
असम और त्रिपुरा सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि इसके बाद प्रतिउत्तर याचिकाकर्ताओं की तरफ से दो हफ़्तों में दाखिल किए जाएं. दो या तीन मामलों को मुख्य मुक़दमे के तौर पर सुना जाएगा. ताकि मामले पर सुनवाई आसानी से की जा सके. वहीं शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं का नोडल अधिकारी पल्लवी प्रताप और प्रतिवादी पक्ष का नोडल अधिकारी वकील कनु अग्रवाल को नियुक्त किया है.
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया है कि इससे संबंधित कुल 232 याचिकाएं हैं. 53 मामले हैं. इनमें से असम के लिए 50 और त्रिपुरा के लिए 3 मामले हैं. केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल कर दिया है और हमें असम और त्रिपुरा की तरफ से जवाब दाखिल करने के लिए कुछ मोहलत चाहिए. इस पर CJI यूयू ललित ने कहा कि ऐसी मांग आखिरी सुनवाई में भी की गई थी. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मैं मामले की संवेदनशीलता को समझता हूं. जवाब में CJI ने कहा कि इसलिए हमने प्रश्न आदि तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
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