जम्मू कश्मीर के शोपियां में पत्थरबाजों पर सेना की जवाई कार्यवाही में फायरिंग से पत्थरबाजों की मौत के बाद जवानो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी थी. 10 गढ़वाल राइफल्स के मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ भी इस मामले में केस दर्ज किया गया था जिस पर आदित्य कुमार के पिता ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी.
आज मेजर आदित्य कुमार के लिए उनके पिता द्वारा लगायी याचिका पर सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने मेजर आदित्य कुमार पर FIR दर्ज करने के लिए अंतरिम रोक का आदेश जारी किया. केंद्र और राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने जवाब तालाब किया है और लेफ्टिनेंट कर्नल कर्मवीर सिंह (मेजर आदित्य कुमार के पिता) की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि देश की और राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान की रक्षा करने वाले सैनिकों के मनोबल की रक्षा की जानी चाहिए.
गौरतलब है कि बीते माह 27 जनवरी को शोपियां में सेना ने पत्थरबाजों पर फायरिंग की थी, और इस फायरिंग में दो पत्थरबाजों की जान चली गयी थी जिसे लेकर शोपियां में विरोध प्रदर्शन किया गया था और सेना के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की गई. इस पर राज्य सरकार द्वारा सेना को फायरिंग का आर्डर देने के लिए मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया जिस पर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए.
विरोध प्रदर्शन के बाद मेजर आदित्य कुमार के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल कर्मवीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर केस वापस लिए जाने की मांग की. कर्मवीर सिंह ने अपनी याचिका में कहा की उनके बेटे के खिलाफ पुलिस ने मनमाने तरीके से काम कर उसे आरोपी बनाया है, जबकि पुलिस को यह अच्छी तरह से पता था कि घटना के समय उनका बेटा मेजर आदित्य कुमार घटना स्थान पर मौजूद नहीं था और सेना भी शांत रूप से अपना कार्य कर रही थी. वहीँ सेना के जवान केंद्र सरकार के निर्देशों का ही पालन कर रह रहे थे लेकिन उपद्रवियों द्वारा हिसात्मक प्रदर्शन कर सरकारी संपत्ति को नुकसान से बचाने के लिए कानूनी कार्यवाही करने पर मजबूर किया गया.
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