नई दिल्ली: शीर्ष अदालत ने एक बड़ा फैसला देते हुए इंडियन आर्मी में महिलाओं को स्थाई कमीशन (permanent commission ) देने का आदेश दिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सेना में महिलाओं को लेकर सोच बदलने की आवश्यकता है. न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि सेना में महिला अधिकारियों की नियुक्ति, एक विकासवादी प्रक्रिया है.
शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई फिर भी केंद्र ने उच्च न्यायालय के फैसले को लागू नहीं किया. न्यायालय ने कहा कि केंद्र की दलीलें परेशान करने वालीं हैं. गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 12 मार्च 2010 को शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत आने वाली महिलाओं को नौकरी में 14 वर्ष पूरे करने पर पुरुषों की तरह स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया था, किन्तु उच्च न्यायालय के इस फैसले के खिलाफ रक्षा मंत्रालय शीर्ष अदालत पहुंच गया था.
आपको बता दें कि उच्च न्यायालय के फैसले के 9 वर्ष बाद सरकार ने फरवरी 2019 में 10 विभागों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की नीति बनाई, साथ ही कहा कि इसका लाभ मार्च 2019 के बाद से सेवा में आने वाली महिला अधिकारियों को ही मिलेगा, किन्तु अब यह लाभ मार्च 2019 से पहले सेवा में आ चुकी महिलाओं को भी मिल सकेगा.
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