नई दिल्ली: SC/ST संशोधन कानून 2018 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय फैसला देने जा रहा है. सोमवार को इस मामले में अदालत की तरफ से फैसला दिया जाने वाला है. दरअसल, 20 मार्च 2018 को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के हो रहे दुरुपयोग को देखते हुए शीर्ष अदालत ने इस अधिनियम के तहत मिलने वाली शिकायत पर स्वत: FIR और गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.
इसके बाद संसद में शीर्ष अदालत के आदेश को पलटने के लिए अधिनियम में संशोधन किया गया था. इसे भी सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी. इससे पहले शीर्ष अदालत ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर दाखिल की गई याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिस पर 10 फरवरी को फैसला आने वाला है. उल्लेखनीय है कि एससी/एसटी पर अत्याचार करने वाले आरोपी को अग्रिम जमानत देने के लिए कोई प्रावधान न होने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी.
इससे पहले एससी/एसटी अधिनियम को लेकर शीर्ष अदालत ने आंशिक तौर पर अपना फैसला बदला था. सर्वोच्च न्यायालय ने पुराने फैसले में कुछ आंशिक परिवर्तन किए. नए बदलाव के अनुसार अब सरकारी कर्मचारी और सामान्य नागरिक को गिरफ्तार करने से पहले इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी.
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