नई दिल्ली : शीर्ष अदालत ने सबरीमाला विवाद में महिलाओं के प्रवेश को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिका पर त्वरित सुनाई करने से इनकार कर दिया है। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा है कि, जज इंदु मल्होत्रा के अवकाश पर होने के कारण रिव्यू पेटीशन (पुनर्विचार याचिका) को जनवरी में नहीं सुना जा सकेगा।
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उल्लेखनीय है कि सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय संविधान पीठ में जस्टिस इंदु मल्होत्रा एकमात्र महिला न्यायाधीश हैं। वो इस समय स्वास्थ्य कारणों से अवकाश पर हैं। इससे पहले सोमवार को 10 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने के विरुद्ध दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन हुआ था। महिलाओं ने दीप जलाकर राजीव चौक पर विरोध जताया था।
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आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गत वर्ष 28 सितंबर को अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति दे दी थी। मगर अदालत के फैसले के बाद भी श्रद्धालुओं के भारी विरोध-प्रदर्शन के कारण 31 दिसंबर, 2018 तक कोई भी महिला सबरीमाला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई थी। हालाँकि इसके बाद दो महिलाओं द्वारा धोखे से मंदिर में प्रवेश करने का मामला सामने आया था, जिसके बाद प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया था।
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