नई दिल्ली। असम में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या मुस्लिओं को वापस म्यांमार भेजे जाने के फैसले को आज सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दिखा दी है। उच्चतम न्यायलय ने इस मामले में केंद्र के फैसलों में दखलंदाजी देने से इंकार कर दिया है।
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दरअसल केंद्र सरकार ने हाल ही में फैसला लिया था कि वो असम में अवैध तरीके से रह रहे सात रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेज देगी। लेकिन वकील प्रशांत भूषण ने केंद्र के इस फैसले का विरोध करते हुए देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर केंद्र के इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने इस याचिका को खारिज करते हुए इस मामले में सरकार के फैसले में दखल देने से इंकार कर दिया है।
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इसके साथ ही यह सरकार का ऐसा पहला कदम होगा जिसमे वो किसी रोहिंग्या को देश से वापस बहार भेज रही है। आपकों बता दें कि ये सभी रोहिंग्या मुस्लिम 2012 में विदेशी कानून के उल्लंघन के आरोप में असम से गिरफ्तार किये गए थे और तब से अभी तक असम के सिलचर जिले में स्थित केन्द्रीय कारागार में कैद थे।
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