नई दिल्ली। देश में पिछले कई सालों से इस मामले में काफी बहस होती चली आई है कि देश में विवाह हेत्तर सम्बन्ध (व्यभिचार) में पुरुष के साथ महिला भी दोषी होनी चाहिए या नहीं। आज इस मामले में देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट कोई अहम फैसला सुना सकती है।
जानिए अदालत के फैसले के बाद कहां अनिवार्य होगा आधार और कहां नहीं होगी जरुरत
दरअसल देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में आज व्यभिचार से जुडी आईपीसी की धारा 497 और आपराधिक प्रक्रिया संहिता 198 (2) को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करेगी। यह सुनवाई आज (गुरूवार, 27 सितम्बर ) को देश के सर्वोच्च न्यायलय सुप्रीम कोर्ट में दोपहर दो बजे की जायेगी। इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में 5 जजों वाली एक पीठ फैसला सुनाएगी। यह याचिका इटली में निवास कर रहे भारतीय जोसेफ शाइन द्वारा दायर की गई है।
आधार पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, बैंक खाते और सिम कनेक्शन के लिए अनिवार्य नहीं है आधार
उल्लेखनीय है कि इस मामले में पिछली सुनवाई बीते माह 9 अगस्त को हुई थी जिसमे कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आपको बता दें की व्यभिचार से जुडी ये धाराएं (497 और 198-2 ) 157 साल पहले अमल में लायी गई थी। इस धारा में विवाह से इतर सम्बन्ध बनाने को गैरकानूनी माना गया है परन्तु इस कानून के अनुसार ऐसे संबन्ध बनाए के लिए केवल पुरुष को ही जिम्मेदार माना गया है।
ख़बरें और भी
आयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद : आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगी अहम फैसला
आधार पर फैसला, गरीब समर्थक मोदी सरकार की बड़ी जीत- भाजपा
आधार पर अदालत का फैसला, मोदी सरकार के मुँह पर तमाचा- कांग्रेस