एक अप्रैल से लागू नियम के तहत सुप्रीम कोर्ट ने भारत बीएस 3 मानक इंजन के वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर रोक लगा दिया हैं। क्योंकि सरकार के आदेश के अनुसार भारत में 1 अप्रैल से बीएस 4 उत्सर्जन मानक का उपयोग किया जाएगा।
बीएस-3 और बीएस-4 इंजन के प्रभाव-
CO इमिशंस- कार्बन मोनोऑक्साइड इमिशंस पेट्रोल इंजन में ज्यादा क्लियर की वजह से इनकी ज्यादा मात्रा हवा में ऑक्सिजन को रोक देती है जो सिर दर्द जैसी बीमारियों उत्पन्न करती हैं। आपने HC इमिशंस के बारे में सुना होगा ये हाइड्रोकार्बन होते हैं, जो पेट्रोल इंजन में पाए जाते हैं। इसमें भी वॉमिटिंग, सिरदर्द जैसी बीमारियों समस्याएं होती हैं। और बीएस-3 की अपेक्षा बीएस-4 में co इमिशंस व HC इमिशंस कम रखा गया हैं।
इससे अलावा NOx इमिशंस नाइट्रोजन ऑक्साइड इमिशंस जो डीजल इंजन में होते हैं। इससे आंखों व नाक में जलन जैसी बीमारियां होती हैं। PM यानी पार्टिकुलेट मैटर, जो डीजल इंजन में होते हैं। लंबे समय तक इनके दायरे में आने से फेंफड़ों से जुड़ी बीमारों का सामना करना पड़ता हैँ। इनका प्रभाव ऑयल रिफाइनरीज और ऑटो इंडस्ट्री पर पड़ता हैं। जिसकी वजह से अब BS4 आधारित वाहनों के निर्माण किया जा रहा हैँ।
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