सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 2018 में सूरत में तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले और उसकी हत्या के मामले में दोषी के डेथ वारंट पर रोक लगा दी. समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार गुजरात के एक कोर्ट ने इस मामले में 22 साल के युवक को मौत की सजा सुनाई थी.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस बीआर. गवई और सूर्यकांत शामिल हैं, जिन्होंने डेथ वारंट पर रोक लगा दी. हाईकोर्ट द्वारा मौत की सजा की पुष्टि करने के बाद इसके खिलाफ स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल करने की अवधि से पहले डेथ वारंट जारी कर दिया गया था. इसी के बाद कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी.
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इस मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि हम यह जानना चाहते हैं कि इस संबंध में एक कथित फैसले के बावजूद ट्रायल कोर्ट द्वारा डेथ वारंट जारी करने के आदेश कैसे पारित किए जा रहे हैं. किसी को यह समझाना होगा. न्यायिक प्रक्रिया को इस तरह से चलने की अनुमति नहीं दी जा सकती.शीर्ष अदालत ने इस मामले पर नोटिस भी जारी किया. शीर्ष अदालत ने राज्य के वकील से अमरोहा हत्याकांड का हवाला देते हुए कहा कि इसी तरह के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बावजूद इस तरह का आदेश कैसे पारित किया जा सकता है.
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