नई दिल्ली : नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि विमान ईंधन एटीएफको माल एवं सेवा करर् जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि इससे घरेलू विमानन उद्योग को कारोबार के समान अवसर उपलब्ध होंगे। प्रभु ने कहा कि किसी भी क्षेत्र के लिये इनपुट लागत प्रतिस्पर्धी होनी चाहिये। उन्होंने एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने की वकालत करते हुए कहा कि राज्यों में कर की अलग दरों के कारण एटीएफ का दाम अधिक हो जाता है।
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हर राज्य में है अलग कर
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रभु ने एक इंटरव्यू में कहा, ''हर राज्य में अलग कर है। इसके कारण विमानन कंपनियों के लिये ईंधन का खर्च पूरी तरह से बदल जाता है। मुझे लगता है कि इसे खत्म किया जाना चाहिये। मुझे उम्मीद है कि जीएसटी परिषद इस पर गौर करेगी और हम इसे लगातार परिषद के सामने रख रहे हैं।
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कुछ ऐसा भी बोले प्रभु
इसी के साथ उन्होंने कहा, ''हम एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने के लिये लगातार काम करते रहेंगे ताकि घरेलू कंपनियों को कारोबार के समान अवसर उपलब्ध हो सकें तथा विमानन ईंधन की कीमत का पहले से अंदाज लगाना संभव हो सके।'' उल्लेखनीय है कि विमानन कंपनियां लंबे समय से एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग कर रही हैं।
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