उम्र महज एक नम्बर है और कई लोग समय-समय पर इस बात को साबित करते रहते हैं। अब 93 वर्ष की सुरजीत कौर को ही देख लीजिए, जिन्होंने कुछ वक़्त पहले ही एथलेटिक्स शुरू की और अपने 6 माह के छोटे से करियर में ही 10 गोल्ड मेडल (राज्य 6 गोल्ड व नेशनल 4) जीत लिया है। नाती-पोते संभालने की उम्र में एथलेटिक्स से जुड़ने और 10 गोल्ड जीतकर सुरजीत कौर ने साबित कर डाला है कि आयु महज एक नम्बर ही है।
बेटी को देखकर शुरू किया खेलना: सुरजीत कौर राज्य और नेशनल लेवल ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल स्तर पर जाना चाहती हैं और अगस्त में कनाडा में होने वाली इंटरनेशनल चैंपियनशिप में अपनी धाक जमाने के लिए उतरने वाली है। सुरजीत कौर की 5 वर्ष पहले दोनों टांगें फ्रैक्चर हो गईं थी और 6 महीने पहले ही बेटी के पास संगरूर रहने आईं। बेटी 6 वर्ष से एथलेटिक्स में भाग ले रही हैं। एक दिन बेटी के साथ सिटी पार्क में उसकी प्रैक्टिस देखने गईं और अगले दिन खेलों में रूचि दिखते हुए ग्राउंड पहुंच चुकी है। उन्होंने एक माह के बाद चंडीगढ़ में 100 मीटर व 200 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल भी जीत लिया है। जिसके उपरांत उन्होंने जैतो में राज्य स्तरीय गेम्स में भी 100 मीटर व 400 मीटर में गोल्ड भी जीत लिया।
शुरू से खेलों में रुचि थी: 1930 में जन्मी सुरजीत कौर ने एक समाचार पत्र से बातचीत में बोला है कि खेलों में रुचि शुरू से थी परंतु कभी हौसला नहीं हो पाया। पटियाला में शादी के उपरांत रोजाना के कामकाज में व्यस्त होने से खुद के लिए वक़्त ही नहीं रहा। उन्होंने कहा है कि 27 मार्च से लेकर 30 मार्च तक बेंगलूरू में नेशनल गेम्स हुईं इसमें 100 मीटर, 400 मीटर, डिस्कस थ्रो व शॉटपुट में गोल्ड हासिल करते के साथ राज्य स्तर पर 6 व नेशनल स्तर पर 4 गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है।
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