लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के आदेश के बाद सूबे में आज से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे आरंभ हो रहा है। इसमें जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अपनी टीम के साथ मदरसों का दौरा कर सर्वे करेंगे। टीम में प्रशासन, शिक्षा विभाग के अलावा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लोग शामिल रहेंगे। सर्वे के दौरान राज्य के प्रत्येक जिले में छात्रों-शिक्षकों की तादाद के साथ ही मदरसे की आमदनी के श्रोत आदि की जानकारी भी जुटाई जाएगी। योगी सरकार ने निर्देश दिया है कि 5 अक्टूबर तक सर्वे का कार्य पूरा कर 25 अक्टूबर तक शासन को रिपोर्ट भेजी जाए।
वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को भाजपा पर निजी मदरसों के संचालन में हस्तक्षेप की कोशिश करने और सर्वेक्षण के बहाने मुस्लिम समुदाय को आतंकित करने का इल्जाम लगाया है। मायावती ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘मुस्लिम समाज के शोषित, उपेक्षित व दंगा-पीड़ित होने आदि की शिकायत कांग्रेस के समय से आम रही है, और अब बीजेपी द्वारा तुष्टीकरण के नाम पर संकीर्ण राजनीति करके सत्ता में आ जाने के बाद फिर इनके दमन व आतंकित करने का खेल अनवरत जारी है, जो अति-दुःखद व निन्दनीय है। इसी क्रम में अब उप्र में मदरसों पर भाजपा सरकार की टेढ़ी नजर है।'
दरअसल, यूपी की योगी सरकार ने 31 अगस्त को राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जांचने के लिए उनका सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया था। सूबे के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने जानकारी दी थी कि राज्य सरकार ने मदरसों में छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के सिलसिले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अपेक्षा के अनुसार, राज्य के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इसे जल्द ही आरंभ किया जाएगा।
मदरसों से पकड़ा रहे आतंकी:-
बता दें कि, हाल ही में असम में मदरसों से कई आतंकियों की गिरफ़्तारी हुई है। बीते कुछ सप्ताहों में पुलिस ने आतंकी संगठन अल कायदा भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) से संबंधित आतंकियों को अरेस्ट किया था। ये आतंकी, मस्जिदों एवं मदरसों में इमाम या मौलवी के तौर पर काम कर रहे थे। सबसे ताजा गिरफ्तारी बुधवार (31 अगस्त 2022) को अजमल हुसैन नाम के आतंकी की हुई थी। उसे पुलिस ने राजधानी गुवाहाटी से दबोचा था। अजमल एक मदरसे में मौलवी थी, मगर आतंकी संगठन अलकायदा और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के लिए काम कर रहा था।
असम के DGP ज्योति महंता (DGP Jyoti Mahanta) ने दावा किया है कि, राज्य में आतंकी, मौलवियों के वेश में छिपे हुए हैं और देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। असम में अब तक 38 आतंकी पकड़े गए हैं, और 3 ऐसे मदरसों को ध्वस्त किया गया है, जो आतंकवाद का अड्डा बन चुके थे। वहीं, उत्तर प्रदेश के दारूल उलूम देवबंद से भी कई बार आतंकियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। कुछ ऐसे जिहादी भी पकड़े गए हैं, जो भारत के मुस्लिम युवाओं में कट्टरपंथ का जहर भर रहे थे, ऐसे में देश की सुरक्षा के लिए यदि मदरसों का सर्वे होता है, तो उसमे समस्या क्या है ?
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