13 जुलाई शुक्रवार को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण रहा जो दुनिया के कई हिस्सों में देखा गया है. ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण के साथ अनोखा संयोग भी रहा जो 40 साल बाद बना बताया गया है 40 साल पहले 13 सितंबर को ऐसा सूर्य ग्रहण पड़ा था जो शुक्रवार के दिन ही था. इसके अलावा बताया गया है ये संयोग अब 2080 में होगा. ग्रहण को ज्योतिषाचार्य अशुभ मानते हैं और ये कहते हैं इस दौरान घर से बाहर नहीं निकलना नहीं चाहिए. सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी अपनी धुरी पर लगातार घूमते रहने के साथ-साथ सौरमंडल में सूर्य का चक्कर भी लगाती है.
ग्रहण के दौरान ऐसे कई काम होते हैं जिन्हें हमे नहीं करना चाहिए. हालाँकि 13 जुलाई का सूर्य ग्रहण समाप्त हो चुका है. ये ग्रहण सुबह 7.18 मिनट से शुरू होकर 8.13 मिनट तक रहा जिसके सूतक शाम से लग गए थे. वहीं ज्योतिषों ने ये भी कहा था कि ग्रहण के दौरान मोक्ष काल 09:43 बजे तक रहेगा. बताते हैं कई बार चक्कर लगाते हुए जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है सूर्य या तो पूरी तरह से नहीं दिखता या आंशिक रूप से नहीं दिखाई देता. इस बार का सूर्य ग्रहण भी आंशिक ही था जिसका प्रभाव भारत में कम ही था.
जानकारी के लिए बता दें, सूर्य ग्रहण आंशिक था लेकिन इसे भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी तटीय हिस्से, तस्मानिया और न्यूजीलैंड के स्टेवार्ट महाद्वीप के साथ ही अंटार्टिका में दिखाई दिया. ज्योतिषों का मानना है कि भारत में ग्रहण ना होने के कारण राशियों पर कुछ खास असर नहीं हुआ. बताया जा रहा है साल का तीसरा सूर्य ग्रहण 11 अगस्त को लगेगा जो पूर्वी यूरोप, एशिया, नोर्थ अमेरिका और आर्कटिक में दिखाई देगा.
ग्रहण के दौरान करें ये काम, नहीं पड़ेगा बुरा प्रभाव