इस बार वर्ष के अंतिम सूर्य ग्रहण पर अगहन मास की सोमवती अमावस्या तथा पांच ग्रहों का खास संयोग बन रहा है। इस संयोग की वजह से स्नान तथा दान का कई गुणा फल प्राप्त होगा। अगहन मास की सोमवती अमावस्या के साथ इस पूर्ण सूर्य ग्रहण में पांच ग्रह सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र तथा केतु ग्रह वृश्चिक राशि में रहेंगे। हालांकि पूर्ण सूर्य ग्रहण का सूतक नहीं लगेगा।
अगहन मास की सोमवती अमावस्या पर पितृदोष शांति के लिए भी कई सुझाव अपनाएं जाते हैं। इस दिन बरगद, पीपल, तुलसी तथा आम के वृक्ष घर में लगाने की भी प्रथा है। भारतीय वक़्त के मुताबिक, शाम 7.03 बजे को पूर्ण सूर्य ग्रहण आरम्भ होगा, 9.43 बजे अधिकतम तथा रात 12.23 बजे ग्रहण समाप्त हो जाएगा। दक्षिण अमेरिका, दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका, अटलांटिक, हिन्द तथा प्रशांत महासागर के कुछ भागों में पूर्ण सूर्य ग्रहण नजर आएगा। इससे पूर्व भारत में 21 जून को सूर्यग्रहण नजर आया था। अगले वर्ष 10 जून, 25 अक्टूबर, 4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण होगा।
सूर्य ग्रहण अथवा चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है। जब पृथ्वी व सूर्य के मध्य चंद्रमा आ जाता है, तब इस अवस्था को सूर्य ग्रहण कहते हैं। वहीं, पृथ्वी तथा चंद्रमा के मध्य सूर्य आ जाता है इसे चंद्र ग्रहण कहते हैं। ग्रहण का मनुष्य की राशि के मुताबिक, नकारात्मक तथा सकारात्मक दोनों ही प्रभाव पड़ता है। इसी वजह से ज्योतिष शास्त्र ग्रहण काल में खास सावधानी बरतने की सलाह देता है। ग्रहण के दौरान यदि सूर्य या चंद्रमा आंशिक तौर पर ढक जाता है तो इसे खंडग्रास ग्रहण कहते हैं। वर्ष का आखिरी सूर्य ग्रहण रात्रि में लग रहा है। इस वजह से भारत में यह नहीं दिखेगा।
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भारत में नहीं दिखाई देगा वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण
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