वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल 2024 को मतलब आज लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण वैज्ञानिक एवं धार्मिक दोनों रूप से अहम माना जा रहा है. खगोलविदों के अनुसार, ऐसा सूर्य ग्रहण बीते 54 वर्षों से नहीं लगा है. जबकि ज्योतिषविद चैत्र नवरात्रि के अवसर पर लगने के कारण इस सूर्य ग्रहण को खास मान रहे हैं. यह सूर्य ग्रहण मीन राशि एवं रेवती नक्षत्र में आकार लेने वाला है. आइए आपको बताते हैं कि इस सूर्य ग्रहण को इतना विशेष क्यों बताया जा रहा है तथा इसमें सूतक काल लागू होगा या नहीं.
सूर्य ग्रहण क्यों है खास?
हमारी पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमते हुए निरंतर सूर्य की परिक्रमा करती रहती है. 8 अप्रैल को जब सूर्य ग्रहण लगेगा तो चंद्रमा 2400 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से सूरज के सामने से गुजरेगा. ऐसे में उत्तरी अमेरिका में रहने वाले लोग पूर्ण सूर्य ग्रहण का दृश्य देख सकेंगे. धरती के इस हिस्से पर रहने वालों के लिए ये घटना 54 वर्ष पश्चात् होने जा रही है. इससे पहले ऐसा पूर्ण चंद्र ग्रहण वर्ष 1970 में देखा गया था तथा अब 2078 में देखा जा सकेगा.
किस समय लगेगा सूर्य ग्रहण?
भारतीय समयानुसार, वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल की रात 9 बजकर 12 मिनट से लेकर 9 अप्रैल को देर रात 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. सूर्य ग्रहण की कुछ अवधि 05 घंटे 10 मिनट की होगी.
सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखेगा?
8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. यह सूर्य ग्रहण पश्चिमी यूरोप, पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक, मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका (अलास्का को छोड़कर), कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों में, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र एवं आयरलैंड में ही दृश्यमान होगा.
कैसे देखें सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखना हानिकारक माना जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि सूर्य ग्रहण नग्न आंखों से देखने पर आंखों को नुकसान हो सकता है. इसे देखने के लिए विशेष तरह के ग्लास या चश्मे का प्रयोग करना चाहिए. इससे आपकी आंखों पर सूरज की हानिकारक किरणें नहीं पहुंचेंगी और आपका रेटिना सुरक्षित रहेगा.
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