उज्जैन/ब्यूरो। मध्यप्रदेश में गाँवों को सौर ऊर्जा से बिजली की आपूर्ति के लिये आत्म-निर्भर बनाने के लिये ‘’सूर्य शक्ति अभियान’’ की शुरूआत की गयी है। देश में इस तरह का अनूठा अभियान शुरू करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। ग्राम पंचायतों में सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देते हुये गाँव की स्ट्रीट लाईटें, नल-जल प्रदाय, कार्यालयों में और अन्य कामों में सोलर बिजली का उपयोग किया जायेगा।
जल-जीवन मिशन में ग्रामीण क्षेत्रों में 1 करोड़ घरेलू जल कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य है, जो 2 वर्ष पूर्व मात्र 15 लाख थे। इससे ग्राम पंचायतों का बिजली पर होने वाला व्यय जो करीब 450 करोड़ था, 2 हजार करोड़ तक बढ़ने की संभावना है। सौर ऊर्जा से प्रदेश की ग्राम पंचायतों में भविष्य में बिजली बिल पर होने वाले लगभग 2 हजार करोड़ रूपये के व्यय को कम किया जा सकेगा। यह राशि गाँव के अन्य विकास कामों में उपयोग की जा सकेगी। साथ ही कार्बन क्रेडिट का भी लाभ पंचायतों को मिल सकेगा। यह अभियान पंचायतों की आय में वृद्धि के लिये सहायक होगा। प्रथम चरण में 5 हजार से अधिक जनसंख्या वाली 714 ग्राम पंचायतों और हाट बाजार वाले समस्त ग्रामों तथा समस्त जिला एवं जनपद पंचायत कार्यालयों को सूर्य शक्ति अभियान में शामिल किया जा रहा है। इन पंचायतों के अलावा अन्य पंचायतें भी इस अभियान से जुड़ सकती हैं।
इस अभियान में जिला एवं जनपद पंचायत कार्यालयों तथा ग्राम पंचायतों की कुल मासिक विद्युत खपत का आंकलन कर उसके समतुल्य आपूर्ति हेतु सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता के संयंत्र स्थापित किये जायेंगे। दक्षतापूर्ण खपत और उत्पादन को सुनिश्चित करने के लिये ग्राम पंचायतों का ऊर्जा ऑडिट भी किया जा रहा है। व्यय हेतु 15 वां वित्त, राज्य वित्त तथा पंचायतों की स्वयं की आय से राशि की व्यवस्था की जायेगी।
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