कुश्ती में ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार और साक्षी मलिक के लिए टोक्यो ओलंपिक में खेलने के एक बार फिर बड़े अवसर खुलने जा रहे हैं. कुश्ती की सर्वोच्च अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनाइटेड वल्र्ड रेसलिंग (UWW) ने टोक्यो ओलंपिक के क्वालिफायर अगले वर्ष कराने की तैयारी कर ली है. हालांकि भारतीय कुश्ती संघ को अब तक UWW से इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है, लेकिन कुश्ती संघ का मानना है कि पूरे एक साल तक ओलंपिक क्वालिफायर बढने की स्थिति में उनके पास टीम चयन के लिए दोबारा ट्रायल कराने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा. कुश्ती संघ का कहना है कि एक साल क्या इससे कुछ कम अवधि के लिए भी दोबारा ट्रायल कराने होंगे.
लंबे समय तक नहीं बरकरार रखी जा सकती टीम: UWW अध्यक्ष नेनाद लालोविच की अगुवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शनिवार को ब्यूरो सदस्यों की बैठक हुई. विदेशी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बैठक में ओलंपिक क्वालिफायर जिन देशों को दिए गए थे वहीं उन्हीं तारीखों में अगले वर्ष कराए जाएंगे. कुश्ती संघ के एक अधिकारी के मुताबिक कुश्ती में इतने लंबे समय तक के लिए टीम बरकरार रखना है मुश्किल है. ओलंपिक क्वालिफायर लंबा खिचने की स्थिति में दोबारा ट्रायल के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा. कुश्ती में दो एशियाई और विश्व ओलंपिक क्वालिफायर होने हैं.
जितेंदर और सोनम ने बना रखी है टीम में जगह: सुशील कुमार के भार वर्ग 74 और साक्षी मलिक के 62 किलो भार में जितेंदर और सोनम ने टीम में जगह बना रखी है. जितेंदर और सोनम के ओलंपिक क्वालिफायर में कोटा हासिल करने पर सुशील, साक्षी की टोक्यो के लिए उम्मीदें खत्म हो जातीं, लेकिन अब इन दोनों के साथ नर सिंह यादव के फिर ट्रायल में खेलने के अवसर बन पड़े हैं. पुरुष फ्रीस्टाइल वर्ग में रवि कुमार (57) बजरंग (65) और दीपक पूनिया (86) के अलावा महिलाओं में विनेश (53 किलो) में ओलंपिक टिकट हासिल कर रखा है. कुश्ती में पुरुष फ्रीस्टाइल में तीन महिलाओं में पांच और ग्रीको रोमन में छह ओलंपिक कोटा पर भारतीय पहलवानों को दांव लगाना है.
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