पटना: बिहार में एक बड़े सियासी उलटफेर के बाद बुधवार को नीतीश कुमार ने 8वीं बार राज्य के CM के रूप में शपथ ग्रहण कर ली है। वहीं, RJD नेता तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नीतीश कुमार ने एक दिन पहले, भाजपा पर JDU को तोड़ने की साजिश करने का इल्जाम लगाते हुए NDA से अलग होने का ऐलान कर दिया था और इसके बाद उन्होंने RJD-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए गवर्नर को विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था।
नीतीश कुमार के इस कदम से भाजपा एक ओर, जहां बौखलाई हुई है, वहीं पार्टी के राज्यसभा सदस्य और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार पर इल्जाम लगाते हुए कहा कि JDU नेता भाजपा के पास आए थे और नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाने की मांग की थी। सुशिल मोदी ने आगे कहा कि इसके बदले JDU ने भाजपा से बिहार में शासन करने की बात कही थी, किन्तु, भाजपा ने ऐसा नहीं किया क्योंकि हमारी पार्टी के पास अपना प्रत्याशी था। सुशील मोदी ने कहा कि इसी वजह से नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ धोखा किया है।
मोदी ने तो यहां तक कह डाला कि नीतीश कुमार JDU का साथ छोड़ देंगे और लालू यादव की बीमारी का लाभ उठाकर पार्टी को तोड़ने का प्रयास करेंगे। सुशिल मोदी ने कहा कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के चेहरे पर गठबंधन को वोट नहीं मिला था। यदि ऐसा होता तो नीतीश कुमार की पार्टी 43 सीटों पर नहीं सिमटती और गठबंधन 150 सीटों के आंकड़ें के पार पहुंच गया होता।
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