नई दिल्ली: हाल में राजयसभा में मौजूदा सरकार और विपक्ष के बिच आज विदेश निति को लेकर वाद विवाद वाला वार्तालाप हुआ, जिसमे विपक्ष द्वारा जहा मौजूदा सरकार पर कई मुद्दों को लेकर घेरा गया . वही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विपक्ष को करारा जवाब देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशो में विदेश निति को बढ़ावा दिया है. मित्र देश वह होता है जो संकट के समय में सबसे पहले मदद करता है. हमने जापान में आये भूकंप के समय सबसे पहले मदद पहुँचाई. इसके साथ ही अन्य देशो में की गयी मदद का जिक्र भी सुषमा स्वराज ने किया.
भारत और चीन के बिच डोकलाम को लेकर चल रहे विवाद पर स्वराज ने कहा कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं होता है. सैनिक हमारे पास भी है और वे युद्ध के लिए ही होते है, किन्तु फिर भी युद्ध के बाद जब तक बैठकर बात ना की जाये तब तक समस्या का समाधान नहीं होता है. तो क्यों ना युद्ध से पहले ही बैठकर बात कर ली जाये. भारत और चीन के बिच समस्या का समाधान बात चित से ही होगा. राहुल गांधी पर सवाल खड़ा करते हुए स्वराज ने कहा कि आप चीन मुद्दे पर भारत सरकार से बात करने के बजाय चीन के राजदूत से बात करते है. क्या आपको अपनी सरकार से बात करना उचित नहीं लगा?
विदेश निति के तहत सुषमा स्वराज ने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ हर हाल में बात कर रहे थे, दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे थे, इसके लिए सरकार बनते ही पहले पाकिस्तान को न्योता दिया गया, उनसे बात भी की गयी, किन्तु पठानकोट के बाद हालात बिगड़ने लगे. सुषमा ने कहा कि सरकार भी देश में शांति चाहती है और इसके लिए निरन्तर कार्य कर रही है. हमारी विदेश निति पहले से ज्यादा मजबूत है. भारत एक मात्र ऐसा देश है जिसके संबंध लगभग सभी देशो से मित्रता पूर्ण है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्लोबल एजेंडा तय करने वाले प्रधानमंत्री है. और उन्होंने विदेश निति को बढ़ावा दिया है. सरकार धैर्य और संयम के साथ अपना काम कर रही है.
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