नई दिल्ली। चीन और भारत के बीच सीमा विवाद जारी है। जहाॅं चीनी मीडियातंत्र ने डोकलाम से भारत को सेना हटाने के लिए कहा था वहीं चीन ने उत्तराखंड के क्षेत्रों में भी घुसपैठ की थी। अब संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस मामले में अपना जवाब दिया। उन्होंने गुरूवार को कहा कि दोनों देशों के बीच के सीमा विवाद को चर्चा से ही हल किया जा सकता है। हालांकि भारत चीन के आक्रामक रवैये से विचलित नहीं है। राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी बात कही। इस मसले पर करीब 7 घंटे तक बहस चलती रही। सुषमा स्वराज ने चीन के राजदूत से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की भेंट को गलत बताते हुए विपक्ष पर आरोप लगाए कि उसे सरकार का साथ देना चाहिए जबकि वह चीन के साथ हमदर्दी जता रहा है।
जिसमें उन्होंने कहा कि युद्ध किसी भी बात का हल नहीं है। युद्ध की परेशानी हेतु चर्चा करना जरूरी है। भारत और चीन के बीच डोकलाम समेत दूसरी सीमाओं पर दोनों देशों के बीच होने वाले विवाद को चर्चा से हल किया जा सकता है। सुषमा स्वराज ने कहा कि धैर्य से ही किसी भी समस्या का समाधान संभव है।
चीन का विदेश मंत्रालय, रक्षामंत्रालय व सरकारी मीडिया देश को लेकर तरह तरह के आरोप लगाने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भले ही विदेश मामलों में पहल किया करते थे लेकिन वे केवल अपनी इमेज मेकिंग में ही रहे। सुषमा ने कहा कि विपक्ष आज चीनी घुसपैठ, ग्वादर और हंबनटोटा पर सवाल उठा रहा है। लेकिन,ये सारे मसले कांग्रेस के समय के हैं। पाकिस्तान के संदर्भ में उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के विरूद्ध कार्रवाई नहीं करता हम बात नहीं कर सकते हैं।
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