प्रधानमंती नरेंद्र मोदी के स्वछता भारत अभियान की वजह से एक परिवार से उनका बेटा अलग हो गया है. परिवार पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा है. और ये सब केवल प्रशासन के दवाब के चलते हुआ है जिसने परिवार पर शौचालय बनवाने का दवाब बनाया था और वादा भी किया था. लेकिन सरकार अपने इस वादे को भूल गयी. जिसका परिणाम छत्तीसगढ़ के अंडी गांव में रहने वाले खंडे परिवार को भुगतना पड़ रहा है.
परिवार ने प्रशासन के दवाब में 20 हज़ार रूपए पांच प्रतिशत के ब्याज दर से लिए थे. जिसके बाद प्रशासन की तरफ से प्रोत्साहन राशि की रूप में दीए जाने वाले 15000 रूपए भी नहीं दिए गए. उधर लेनदार घर के चक्कर लगाने लगे. इसी वजह से परिवार का बेटा सुभ खंडे पैसे कमाने के लिए ईट के भट्ट पर काम करने देवरिया चला गया था.
दुखो ने यहाँ भी परिवार का पीछा नहीं छोड़ा, जो शख्स सुबह को काम दिलवाने का कह कर यहाँ लेकर आया था. व उसकी तनख्वाह लेकर फरार हो गया. जिसके बाद सुबह देवरिया में फंस गया है. उसे वह प्रताड़ित किया जा रहा है. साथ ही बच्चो और पत्नी से भी अलग रखा जा रहा है.
ताकि वह भाग ना निकले. और ये अकेला परिवार नहीं है जिसके साथ हो रहा है. गांव में अनेक परिवार टॉयलेट बनवाने के बाद प्रोत्साहन राशि ना मिलने की वजह से ऐसी ही परेशानियों का सामना कर रहे है. कहाँ गए मोदी के वो वादे वो बातें जिनमे उन्होंने गरीब की हरसंभव मदद करने की बात कही थी. यहां तो उल्टा सरकार की वजह से एक परिवार अपने बेटे से अलग हो गया है.
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